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Tuesday, March 8, 2011

नैतिक सत्ता की गिरती प्रतिष्ठा

07-March-2011

1 comment:

त्यागी said...

देश की १०० करोड़ हिन्दू जनता का दुर्भाग्य है की बंटवारे के बाद जो देश मिला उसको भी इसाई और मुस्लमान भ्रष्टाचार के माध्यम से लुट रहे है. इसाई और मुस्लमान इसलिए बोल रहा हूँ क्यूंकि इनके अपने मूल देशो में सौदी अरब और अमेरिका और इंग्लेंड में भ्रष्टाचार बर्दास्त ही नहीं है. इस भरष्टाचार से न तो हिन्दू कौम अपने को प्रूव कर पा रही है और न ही भारत महाशक्ति बन पा रहा है. असल में इस सरकार में बैठे लोग देश और हिन्दू दोनों को समृद्ध होते नहीं देखना चाहते और इस सरकार ने इसी बात का ठेका ले रखा है की सोनिया और गेंग को मनमोहन सिंह की इमानदारी की छवि के पेड़ के निचे घपले, स्केम, घोटाले, कुत्रोच्ची को बरी करने जैसे कृत्ये कर सके. दूसरा कभी सुना है किसी कोर्ट का इतना कड़ा रविया (५० लाख रुपया) का जुर्माना केवेल राहुल गाँधी की डिफेम के कैस में, इन्ही गधो ने अटल जी को सरकार में प्रधानमंत्री रहेते क्या काया नहीं कहा, भारत माता को सरे आम डायन कहने वालो पर कोई मुकदमा नहीं कोई जुर्माना भी नहीं, और जब कोर्ट ने इतना क्लिअर कर ही दिया है तो फिर अभिषेक मनु सिंघवी ने कांग्रेस की तरफ से ऍफ़ आइ आर क्यूँ करा रखी है उसपर अमेरिका में कारवाही क्यूँ नहीं करने की मांग करती और उनसे राहुल गाँधी के मानहानि के लिए मुआवाव्जा क्यूँ नहीं मांगती, वो इसलिए नहीं मांगती क्यूंकि अमेरिका के न तो कोर्ट ऐसे है और न मीडिया. ज्यादा चीजो को दबाने से सिर्फ और सिर्फ सड़ांध ही आती है और कुछ भी नहीं.
http://parshuram27.blogspot.com/