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Sunday, April 18, 2010

जागरण

माओवादियों के हितैषियों पर भी कार्रवाई करे सरकार
17, Apr, 2010

तरुण विजय

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तरुण विजय ने शुक्रवार को कहा है कि माओवादियों की हिंसा का समर्थन करने या उनका साथ देने वालों के खिलाफ राष्ट्रदोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

तरुण विजय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अरूंधति राय और उनके जैसे अन्य मानवाधिकार कार्यकर्तामाओवादियों के मानवाधिकार की बात करते हैं और उनकी हिंसा का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो माओवादियों की हिंसा का समर्थन कर रहे हैं वे राष्ट्र के विरोध में हैं तथा यह आपराधिक कृत्य है। ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

तरुण विजय ने कहा कि पूरे विश्व में केवल छत्तीसगढ़ में ही सलवा जुड़ूम जैसा जन आंदोलन हुआ है तथा राज्य की सरकार ने इस पर कभी राजनीति नहीं की। जनआंदोलन सलवा जुड़ूम को कमजोर करने वाले अरूंधति राय जैसे वे मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं जो दिल्ली के शानदार बंगले में रहते हैं और नक्सलवादियों के मानवाधिकार की बात कहते हैं।

हम यह मानते हैं कि जो कार्रवाई नक्सलवादियों या माओवादियों के साथ होती है आतंकियों के तथाकथित मानवाधिकारों का समर्थन करने वालों के साथ भी ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र की संप्रग सरकार देश के लोगों को न भोजन दे पा रही है और न ही सुरक्षा। नक्सलियों से लड़ाई के मुद्दे पर आज विपक्ष एक है लेकिन सरकार बंटी हुई नजर आ रही है जो सुरक्षाबलों का मनोबल को गिराने वाला साबित हो रहा है।

उन्होंने कहा कि नक्सल मामले को लेकर जिस तरह चिदंबरम और दिग्विजय सिंह के मध्य टकराव हुआ ्रवह साबित कर रहा है कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर एक नहीं है। संप्रग की अध्यक्ष सोनिया गांधी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इस मामले में उनका क्या रुख है।

तरुण विजय ने कहा कि माओवादियों का न तो लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास और न ही वे रास्ते से भटके हुए लोग हैं। वे केवल अपराधी हैं और वे केवल सत्ता हथियाना तथा अपनी सरकार चलाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि माओवादी सामानांतर सरकार चला रहे हैं और उनकी सामानांतर अर्थ व्यवस्था चल रही है। एक जानकारी के मुताबिक माओवादी अपहरण और अन्य अपराधों को अंजाम देकर प्रति वर्ष 15 सौ करोड़ रुपए एकत्र करते हैं। भाजपा चाहती है कि इस हिंसा का मुकाबला वैसे ही किया जाए जिसकी भाषा माओवादी समझते हैं। ऐसे लोगों को परास्त किया जाना चाहिए।


हरिभूमि
नई दुनिया

दैनिक भास्कर

17/04/2010

नक्सली हिंसा पर सोनिया राहुल चुप क्यों

भास्कर न्यूज

रायपुर. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तरुण विजय ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी से पूछा है कि नक्सली हिंसा में 76 जवानों की शहादत पर वे आज तक चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि सोनिया और राहुल की चुप्पी से नक्सलियों का मनोबल बढ़ेगा और सुरक्षा बलों का मनोबल गिरेगा। श्रीमती गांधी को स्पष्ट करना चाहिए कि वे चिदंबरम का समर्थन करती हैं या फिर अपने संरक्षित दिग्विजय सिंह का। एक तरफ छत्तीसगढ़ की रमन सरकार नक्सली हिंसा से जूझ रही है दूसरी ओर केंद्र सरकार का रवैया स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।

श्री विजय ने भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकारांे से चर्चा करते हुए नक्सलवाद पर कांग्रेस में उत्पन्न विवाद पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि समूचा विपक्ष नक्सली हिंसा को समाप्त करने के लिए केंद्र की यूपीए सरकार को सहयोग देने के लिए तैयार है, लेकिन कांगरेस के ही नेता गृहमंत्री से इत्तेफाक नहीं रखते। भाजपा ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि नक्सली हिंसा का मुकाबला करने के लिए सरकार को भी उसी अंदाज में कार्रवाई करनी चाहिए। इसके लिए छत्तीसगढ़ की रमन सरकार ने अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है।

तरुण विजय ने नक्सलियों का गुणगान करने वाली लेखिका अरुंधति राय और अन्य मानवाधिकार संगठनों पर प्रहार किया है। उन्होंने मांग की कि नक्सलियों की हिंसा के समर्थन मंे बात करने वालों पर राजद्रोह का मुकदमा दायर कर कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली मंे बैठकर अरुंधति राय और अन्य मानवाधिकार संगठन के लोग नक्सलियांे के पक्ष में शब्द विलास कर रहे हैं। नक्सलियों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को भी इन्हीं संगठनों ने कमजोर करने का प्रयास किया है।

महंगाई के खिलाफ अब तक सबसे बड़ा प्रदर्शन होगा : भाजपा प्रवक्ता ने बताया कि महंगाई के मुद्दे पर 21 अप्रैल को नईदिल्ली में अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन होगा। इसमें देश के सभी राज्यों के कार्यकर्ता शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में रिकार महंगाई बढ़ी है। केंद्र सरकार भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के फामरूले के अनुसार काम करे तो निश्चित रूप से देश में महंगाई कम हो सकती है।

भटके हुए नहीं, क्रिमिनल हैं नक्सली

भाजपा रवक ने रखंड के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की बातों को खारिज करते हुए साफ कहा कि नक्सली समाज से भटके हुए लोग नहीं हैं। ये लोग सीधे-साधे क्रिमिनल हैं जो हिंसा पर उतारू हैं। उनके खिलाफ उसी तरह सख्त रवैया अपनाया जाना चाहिए जैसा आतंकवादियों के साथ किया जाता है। उनका कृत्य देश के संविधान के विपरीत है।

सेना का उपयोग जरूरी तो वह भी करे

श्री विजय ने कहा कि नक्सली हिंसा को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार को हरसंभव उपाय करने चाहिए। अगर सेना का उपयोग जरूरी है तो वह भी किया जाए। इसके लिए सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की जाए।



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