tag:blogger.com,1999:blog-4357309287533344363.post8562629953291705503..comments2024-03-04T17:13:17.783-08:00Comments on Tarun Vijay: असहिष्णु हिंदुओं का पाखंडUnknownnoreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4357309287533344363.post-11086719778583861862009-08-06T00:51:37.677-07:002009-08-06T00:51:37.677-07:00तरुणजी, मुझे यह देखकर काफ़ी हैरत हुयी की मेरे comm...तरुणजी, मुझे यह देखकर काफ़ी हैरत हुयी की मेरे comments आपके blog पर नही दिखते है.मैने आपसे सन्घ और भारतीय जाती व्यवस्थापर कुछ प्रश्न रखे थे.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/16116950696614754570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4357309287533344363.post-46203456190172991722009-08-04T08:36:25.110-07:002009-08-04T08:36:25.110-07:00नमस्कार तरुण जी, हमलोग ये जानते हैं की आप काफी व्य...नमस्कार तरुण जी, हमलोग ये जानते हैं की आप काफी व्यस्त रहते हैं फिर भी जब आप अपने ब्लॉग पे पोस्ट करते हैं तो हम जैसे लोगों के प्रश्नों का जवाब भी कभी कभार दे दिया करें | इससे संवाद बना रहता है , नहीं तो ऐशा लगता है की हम बस comment कर रहे हैं , आप इसे पढ़ते हैं .. शायद समय की बर्बादी हो रही है | <br /><br />problem पे चर्चा तो ठीक है पर उसके समाधान की चर्चा यदि पाठक करता है तो आपका फर्ज बनता है की आप हम सबों का मार्गदर्शन करें |Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4357309287533344363.post-1761990187841790092009-07-31T22:59:15.464-07:002009-07-31T22:59:15.464-07:00ati uttam.
Let's start.
regards
http://parshu...ati uttam.<br />Let's start.<br />regards<br /><br />http://parshuram27.blogspot.com/त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/14194464507565148086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4357309287533344363.post-32935117936674571492009-07-31T09:40:54.604-07:002009-07-31T09:40:54.604-07:00पूजा व्यवस्था में अप्रशिक्षित और संस्कृत का कम ज्ञ...पूजा व्यवस्था में अप्रशिक्षित और संस्कृत का कम ज्ञान रखने वाले ब्राह्मणों से सुप्रशिक्षित एवं पाडित्यपूर्ण अनुसूचित जाति के युवाओं को बेहतर मानना अधर्म होगा? आपने बिलकुल सही सवाल उठाया है | ऐसा ही एक प्रयास पटना के हनुमान मंदिर मैं किया गया था | वहां के पुजारी जाती से हरिजन थे पर सुना था की वो ज्ञानी थे | <br /><br />एक सवाल ये उठता है की ये पूजा स्थलों मैं साफ-सफाई , पंडों की गुंडागर्दी , सुस्खित पुजारी की व्यवस्था के लिए कौन आगे आयेगा ? क्यों नहीं विश्व हिन्दू परिषद् या आर.एस. एस. आगे आते हैं | कम से कम २-४ मंदिरों से ही सही ऐसे कार्य आरम्भ किये जा सकते हैं | अब मेरे जैसा अदना आदमी यदि ये सब बात मंदिर प्रशाशन को बोलेगा <br />पांडे लोग मेरी धुनाई करने से बाज नहीं आयेंगे | हाँ यही काम यदि विश्व हिन्दू परिषद् या आर.एस. एस. आरम्भ करे तो हमलोग actively शामिल होंगे |Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.com